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Out on Bail, Repeat Offender Rapes Woman in Pune Bus Near Police Station: Safety Under Scrutiny

Out on Bail, Repeat Offender Rapes Woman in Pune Bus Near Police Station

दत्तात्रेय रामदास गडे: एक दोषी का सनसनीखेज मामला

पुणे के स्वारगेट बस स्टैंड पर एक 26 वर्षीय महिला के साथ हुई दर्दनाक घटना ने एक बार फिर समाज और प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है। आरोपी दत्तात्रेय रामदास गडे, जो पहले से ही चोरी, डकैती और चेन स्नैचिंग जैसे कम से कम छह मामलों में संलिप्त है, इस घटना का मुख्य आरोपी है। गडे 2019 से जमानत पर था, और इस दौरान उसने फिर से अपराध की दुनिया में कदम रखा। पुणे और आसपास के अहिल्यानगर जिले में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।

आरोपी का आपराधिक इतिहास

दत्तात्रेय रामदास गडे एक “हिस्ट्री शीटर” है, यानी उसका लंबा आपराधिक रिकॉर्ड है। पुणे के शिक्रापुर और शिरुर पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। अहिल्यानगर जिले में भी उस पर आरोप लगे हैं। पिछले साल भी पुणे में उसके खिलाफ एक चोरी का मामला दर्ज किया गया था। 2019 में डकैती के एक मामले में गिरफ्तार होने के बाद वह जमानत पर रिहा हो गया था, लेकिन इसके बावजूद उसने अपराध जारी रखा।

स्वारगेट बस स्टैंड पर हुई घटना

यह घटना पुणे के स्वारगेट बस स्टैंड पर हुई, जो शहर के सबसे व्यस्त बस स्टैंड में से एक है। सुबह करीब 5:45 बजे, पीड़ित महिला सतारा जिले के फलटण के लिए बस का इंतजार कर रही थी। इसी दौरान गडे ने उसे एक खाली बस में ले जाने का बहाना बनाया और खुद को बस कंडक्टर बताया। जब महिला ने कहा कि बस खाली है, तो उसने जवाब दिया कि अंदर सोए हुए लोग हैं।

सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, महिला आरोपी के साथ बस की ओर जाती हुई दिखाई देती है। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस स्मृतना पाटिल ने बताया कि घटना के समय बस स्टैंड पर कई लोग और बसें मौजूद थीं, लेकिन इसके बावजूद आरोपी ने बस का दरवाजा बंद करके महिला के साथ दुर्व्यवहार किया।

पीड़िता की पीड़ा और पुलिस की कार्रवाई

घटना के बाद, पीड़िता ने अपने गृहनगर के लिए एक बस पकड़ी और रास्ते में ही अपने एक दोस्त को फोन करके पूरी घटना बताई। दोस्त के सलाह पर उसने बस से उतरकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत मामले की गंभीरता को समझते हुए आरोपी की तलाश शुरू कर दी। इसके लिए आठ टीमें और स्निफर डॉग्स तैनात किए गए हैं। गडे के भाई से भी पूछताछ की गई है, ताकि उसके ठिकाने का पता लगाया जा सके।

सवाल: क्या जमानत प्रणाली सही है?

यह मामला एक बार फिर जमानत प्रणाली की खामियों को उजागर करता है। गडे जैसे आरोपी, जिनके खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं, को जमानत पर रिहा करना समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इस घटना के बाद यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या बार-बार अपराध करने वाले लोगों को जमानत देना उचित है? न्यायिक प्रणाली को इस मामले में संतुलन बनाने की जरूरत है, ताकि आरोपियों के अधिकारों के साथ-साथ आम जनता की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके।

सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा पर सवाल

यह घटना सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एमएसआरटीसी) देश के तीन सबसे बड़े सार्वजनिक परिवहन निकायों में से एक है, जिसके पास 14,000 से अधिक बसों का बेड़ा है। हर दिन 55 लाख से अधिक यात्री इन बसों से यात्रा करते हैं। ऐसे में, यात्रियों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना एमएसआरटीसी की प्राथमिकता होनी चाहिए।

इस घटना के बाद, एमएसआरटीसी को अपनी सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। बस स्टैंड और बसों में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने, पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करने और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती करने जैसे कदम उठाए जाने चाहिए। साथ ही, बस कर्मचारियों और कंडक्टरों की पृष्ठभूमि की जांच करना भी जरूरी है।

समाज की भूमिका

इस घटना ने समाज के सामने भी कई सवाल खड़े किए हैं। घटना के समय बस स्टैंड पर कई लोग मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी आवाज नहीं उठाई। यह हमारे समाज की संवेदनशीलता और सामूहिक जिम्मेदारी पर सवाल उठाता है। अगर लोगों ने समय रहते पुलिस को सूचना दी होती, तो शायद इस घटना को रोका जा सकता था।

VEDIO LINK : https://youtu.be/Whz-bwWZW_c?si=LwUyYzm3ESqRdwfh

निष्कर्ष

दत्तात्रेय रामदास गडे का मामला न केवल एक आरोपी की कहानी है, बल्कि यह हमारी न्यायिक प्रणाली, सार्वजनिक सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी की कमियों को भी उजागर करता है। पुलिस को आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करके न्याय दिलाना चाहिए। साथ ही, प्रशासन को सार्वजनिक स्थानों, खासकर बस स्टैंड और बसों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

इस घटना से सबक लेते हुए, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है, और इसे सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जाने चाहिए।

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