Andhra Pradesh Budget 2025-26 LIVE
आंध्र प्रदेश सरकार शुक्रवार सुबह मंत्रिमंडल की बैठक करेगी, जिसमें वित्त मंत्री पय्यावुला केशव द्वारा विधानसभा में पेश किए जाने वाले वर्ष 2025-26 के बजट प्रस्तावों को मंजूरी दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार, सरकार कुल व्यय को ₹3.05 लाख करोड़ से ₹3.20 लाख करोड़ के बीच रखने की योजना बना रही है। यह केशव का दूसरा बजट होगा, क्योंकि उन्होंने नवंबर 2023 में वर्ष 2024-25 के लिए ₹2.94 लाख करोड़ के आवंटन के साथ अपना पहला बजट पेश किया था।
बजट का मुख्य फोकस 
आंध्र प्रदेश सरकार का यह बजट राज्य की आर्थिक विकास योजनाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं पर केंद्रित होगा। सूत्रों के मुताबिक, इस बजट में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के मुकाबले राजकोषीय घाटा लगभग 4.19% रहने का अनुमान है, जबकि राजस्व घाटा 2.12% रह सकता है। कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए आवंटन ₹11,855 करोड़ रहने की उम्मीद है।
पिछले बजट की समीक्षा
वित्त मंत्री केशव ने नवंबर 2023 में अपना पहला बजट पेश किया था, जिसमें ₹2.94 लाख करोड़ का आवंटन किया गया था। इसके बाद जुलाई 2024 में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद दो अंतरिम बजट पेश किए गए थे। इस बार के बजट में 2024-25 के लिए संशोधित अनुमान भी पेश किए जाएंगे, जो शुरुआती अनुमान ₹2.94 लाख करोड़ से अधिक होने की उम्मीद है।
राजस्व वृद्धि पर चिंता
वित्त विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2024 से जनवरी 2025 तक के दौरान राज्य की अपने कर राजस्व में केवल 1.2% की वृद्धि हुई है। यह आंकड़ा बजट से पहले चिंता का विषय बन गया है। जनवरी 2025 में आंध्र प्रदेश का अपना कर राजस्व ₹68,807 करोड़ रहा, जो पिछले साल इसी अवधि में ₹67,993 करोड़ था। इसके अलावा, गैर-कर राजस्व में भी वृद्धि की गुंजाइश है, जिस पर बजट में विशेष ध्यान दिया जा सकता है।
कृषि और संबद्ध क्षेत्रों पर फोकस
कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए इस बजट में ₹11,855 करोड़ का आवंटन किया जा सकता है। यह कदम राज्य के किसानों और कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए उठाया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य किसानों की आय में वृद्धि करना और कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाना है।
राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण
सरकार ने राजकोषीय घाटे को जीएसडीपी के 4.19% तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राजस्व बढ़ाने और व्यय को प्राथमिकता के आधार पर नियंत्रित करने की योजना बनाई गई है। राजस्व घाटे को 2.12% तक रखने का लक्ष्य है, जो राज्य की वित्तीय स्थिरता को दर्शाता है।
अपने कर और गैर-कर राजस्व में सुधार
राज्य सरकार के सामने अपने कर और गैर-कर राजस्व में सुधार करने की बड़ी चुनौती है। जनवरी 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, अपने कर राजस्व में केवल 1.2% की वृद्धि हुई है। इस स्थिति को सुधारने के लिए बजट में नए कर सुधार और प्रोत्साहन योजनाएं शामिल हो सकती हैं।
बजट के प्रमुख बिंदु
- कुल व्यय: ₹3.05 लाख करोड़ से ₹3.20 लाख करोड़ के बीच रहने की उम्मीद।
- राजकोषीय घाटा: जीएसडीपी का 4.19%।
- राजस्व घाटा: जीएसडीपी का 2.12%।
- कृषि आवंटन: ₹11,855 करोड़।
- संशोधित अनुमान: 2024-25 के लिए ₹2.94 लाख करोड़ से अधिक।
निष्कर्ष
आंध्र प्रदेश सरकार का यह बजट राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और जनकल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा। कृषि, राजस्व वृद्धि और राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण इस बजट के प्रमुख आधार होंगे। सरकार का लक्ष्य राज्य के विकास को गति देना और नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार करना है।
इस बजट के माध्यम से आंध्र प्रदेश सरकार न केवल आर्थिक स्थिरता लाने का प्रयास करेगी, बल्कि राज्य के विकास को नई दिशा भी देगी। किसानों, युवाओं और उद्योगों के लिए इस बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती हैं, जो राज्य के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में मददगार साबित होंगी।
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