Aide Arrested in Sarpanch Murder Case, Minister Dhananjay Munde Resigns –महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने दिया इस्तीफा
महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने अपने करीबी सहायक वाल्मिक कराड़ के एक सरपंच की हत्या मामले में गिरफ्तार होने के बाद इस्तीफा दे दिया है। यह घटना बीड जिले के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़ी है, जिसमें कराड़ पर आरोप लगाए गए हैं। मुंडे ने खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग का प्रभार संभाला हुआ था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। फडणवीस ने मीडिया को बताया कि उन्होंने मुंडे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और इसे राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को भेज दिया गया है।
धनंजय मुंडे ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उन्होंने यह फैसला अपने “अंदर की आवाज” सुनकर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सेहत ठीक नहीं है और डॉक्टर ने उन्हें जल्द इलाज शुरू करने की सलाह दी है। मुंडे ने यह भी जोर देकर कहा कि सरपंच हत्या मामले में आरोपियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, “कल जो तस्वीरें सामने आईं, उन्हें देखकर मैं बहुत दुखी हूं। इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी गई है। साथ ही, एक न्यायिक जांच का प्रस्ताव भी रखा गया है।”
राजनीतिक पृष्ठभूमि और मुंडे का करियर
धनंजय मुंडे, जो 49 वर्ष के हैं, अजित पवार की एनसीपी पार्टी से विधायक हैं और बीड की पार्ली सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह भाजपा के दिग्गज नेता स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे के भतीजे हैं और महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा मुंडे के चचेरे भाई हैं। धनंजय मुंडे ने 2013 में एनसीपी में शामिल होने का फैसला किया था। 2023 में शरद पवार की पार्टी में विभाजन होने पर, उन्होंने अजित पवार का साथ दिया। इससे पहले, उन्होंने विधान परिषद में विपक्ष के नेता और उद्धव ठाकरे सरकार में राज्य मंत्री के रूप में भी काम किया है।
सरपंच हत्या का मामला और जांच
संतोष देशमुख, जो मस्साजोग गांव के 45 वर्षीय सरपंच थे, को 9 दिसंबर को अगवा करके उनकी हत्या कर दी गई थी। जांच में पता चला है कि देशमुख ने एक ऊर्जा कंपनी से हो रहे जबरन वसूली के प्रयास को रोकने की कोशिश की थी, जिसके बाद उन्हें यातनाएं दी गईं और फिर उनकी हत्या कर दी गई। राज्य पुलिस की अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने 27 फरवरी को जिला अदालत में 1,200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। इस मामले में तीन केस दर्ज किए गए हैं – सरपंच की हत्या, अवाड़ा कंपनी से जबरन वसूली का प्रयास और कंपनी के सुरक्षा गार्ड पर हमला। इस मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (एमसीओसीए) लगाया गया है। इनमें से सात आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि एक अभी भी फरार है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में धनंजय मुंडे के करीबी सहायक वाल्मिक कराड़ भी शामिल हैं, जिसके बाद मुंडे पर राज्य सरकार को कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है।
यातनाओं की भयावहता और वीडियो सबूत
संतोष देशमुख को 9 दिसंबर को डोंगाओं टोल प्लाजा से छह लोगों ने एक एसयूवी में अगवा कर लिया और उन्हें केज तालुका की ओर ले जाया गया। उसी शाम उन्हें नंदुर घाट रोड के पास दैथना शिवर में बेहोश अवस्था में पाया गया। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, उन्हें दो घंटे से अधिक समय तक गैस पाइप, लोहे की रॉड, लकड़ी की छड़ और तेज हथियारों से पीटा गया।
चार्जशीट में पुलिस ने कहा है कि संतोष देशमुख को मारने से पहले उन्हें यातनाएं दी गईं और हमलावरों ने इस बर्बरता को दर्ज करने के लिए 15 वीडियो बनाए, आठ तस्वीरें लीं और यहां तक कि दो वीडियो कॉल भी कीं। चार्जशीट में उल्लेखित एक वीडियो में पांच आरोपियों को देखा जा सकता है, जो देशमुख को सफेद पाइप और लकड़ी की छड़ से पीट रहे हैं और उन्हें लात-घूंसे मार रहे हैं। वीडियो में देशमुख को अर्धनग्न अवस्था में देखा जा सकता है। एक अन्य वीडियो में, एक आरोपी को देशमुख पर पेशाब करते हुए देखा जा सकता है, जबकि वह खून से लथपथ हैं। यह वीडियो इस मामले की भयावहता को दर्शाता है।
राजनीतिक प्रभाव और सरकार की प्रतिक्रिया https://youtu.be/Dzl29-xZ5AI?si=xqjnWzJiUqX24_wU
इस मामले ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य की राजनीति को हिलाकर रख दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ एक बैठक की, जिसमें सरपंच हत्या मामले में चार्जशीट और जांच के नतीजों के राजनीतिक प्रभाव पर चर्चा की गई। इस बैठक के बाद ही फडणवीस ने धनंजय मुंडे से इस्तीफा देने को कहा। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस मामले में कड़ी कार्रवाई करना चाहती थी, ताकि जनता का विश्वास बना रहे।
धनंजय मुंडे का इस्तीफा और भविष्य
धनंजय मुंडे ने अपने इस्तीफे में कहा कि उन्होंने यह फैसला अपने अंदर की आवाज सुनकर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सेहत ठीक नहीं है और डॉक्टर ने उन्हें जल्द इलाज शुरू करने की सलाह दी है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह इस्तीफा सरपंच हत्या मामले में उनके सहायक की गिरफ्तारी और जांच के दबाव के कारण आया है। मुंडे का भविष्य अब अनिश्चित है, क्योंकि उन पर पार्टी और सरकार के भीतर से भी दबाव बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
धनंजय मुंडे का इस्तीफा महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा मोड़ है। सरपंच संतोष देशमुख की हत्या का मामला न केवल अपराध और राजनीति के गठजोड़ को उजागर करता है, बल्कि यह सरकार और प्रशासन की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े करता है। इस मामले में कड़ी कार्रवाई और न्याय सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।
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