जर्मन चुनाव में रूढ़िवादी जीत: ट्रंप ने कहा – ‘लोग थक गए हैं…’, मेर्ज़ ने यूरोप को अमेरिका से स्वतंत्रता का वादा किया”
जर्मनी के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है, जहां फ्रेडरिक मेर्ज़ (Friedrich Merz) अगले चांसलर बनने की ओर अग्रसर हैं। रूढ़िवादी गठबंधन ने राष्ट्रीय चुनाव में जीत हासिल की है, और मेर्ज़ ने यूरोप को अमेरिका से “वास्तविक स्वतंत्रता” देने का वादा किया है। यह बयान उन्होंने सरकार बनाने की तैयारी के दौरान दिया, जो यूरोपीय राजनीति में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है।
जर्मन चुनावों में रूढ़िवादी जीत
फ्रेडरिक मेर्ज़ के नेतृत्व वाले रूढ़िवादी गठबंधन ने जर्मनी के राष्ट्रीय चुनाव में बहुमत हासिल किया है। यह जीत न केवल जर्मनी बल्कि पूरे यूरोप के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। मेर्ज़ ने अपनी जीत के बाद यूरोप को अमेरिका से स्वतंत्र बनाने और यूरोपीय एकता को मजबूत करने पर जोर दिया है।
फ्रेडरिक मेर्ज़ का “वास्तविक स्वतंत्रता” का वादा
69 वर्षीय फ्रेडरिक मेर्ज़ ने अपनी जीत के बाद कहा कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता यूरोप को अमेरिका से वास्तविक स्वतंत्रता दिलाना है। उन्होंने अमेरिकी प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि वाशिंगटन के “अत्यंत आपत्तिजनक” बयानों ने यूरोपीय देशों पर दबाव बनाया है। मेर्ज़ ने यह भी कहा कि यूरोप को रूस और चीन के बीच फंसी हुई सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, और इसलिए यूरोपीय एकता को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा, “हम दोनों ओर से इतने अधिक दबाव में हैं कि मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता यूरोप में एकता स्थापित करना है। यह संभव है कि यूरोप में एकता बनाई जाए।” मेर्ज़ ने यहां तक कहा कि नाटो (NATO) के अगले शिखर सम्मेलन में संगठन का वर्तमान स्वरूप बना रहेगा या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है।
ट्रंप का जर्मन चुनाव पर प्रतिक्रिया
अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जर्मन चुनाव के परिणामों का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि जर्मनी की जनता ने ओलाफ शोल्ज़ के नेतृत्व वाली सरकार की “सामान्य ज्ञान से रहित” नीतियों को खारिज कर दिया है। ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर लिखा, “अमेरिका की तरह, जर्मनी की जनता भी ऊर्जा और आप्रवासन पर लंबे समय से चली आ रही नीतियों से थक गई है। यह जर्मनी के लिए एक महान दिन है।”
हालांकि, मेर्ज़ ने ट्रंप के बयानों को नजरअंदाज करते हुए यूरोपीय एकता और स्वतंत्रता पर जोर दिया है।
जर्मनी में दक्षिणपंथी पार्टी का उदय
इस चुनाव में दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AfD) ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। AfD ने 20.5% वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रही है। यह पार्टी पिछले चुनाव की तुलना में अपना वोट शेयर दोगुना करने में सफल रही है। AfD के नेता एलिस वेइडल ने कहा कि यह सिर्फ एक शुरुआत है और अगली बार वह पहले स्थान पर रहेंगे।
हालांकि, मुख्यधारा की पार्टियों ने AfD के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार कर दिया है। जर्मनी में दक्षिणपंथी राजनीति को नाजी अतीत के कारण एक कलंक के रूप में देखा जाता है।
गठबंधन वार्ताओं की चुनौती
फ्रेडरिक मेर्ज़ को सरकार बनाने के लिए जटिल और लंबी गठबंधन वार्ताओं का सामना करना पड़ सकता है। उनकी पार्टी CDU/CSU ने 28.5% वोट हासिल किए हैं, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन है। यह स्पष्ट नहीं है कि मेर्ज़ को बहुमत हासिल करने के लिए एक या दो सहयोगियों की आवश्यकता होगी।
एक त्रिपक्षीय गठबंधन जर्मनी की नेतृत्व क्षमता को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि यह अधिक जटिल और अस्थिर होगा।
वामपंथी पार्टियों का पतन
चांसलर ओलाफ शोल्ज़ की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SPD) ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सबसे खराब प्रदर्शन किया है, जिसे केवल 16.5% वोट मिले हैं। ग्रीन पार्टी ने 11.8% और दूर-वामपंथी डाई लिंके पार्टी ने 8.7% वोट हासिल किए हैं।
चुनाव में मतदान और जनमत
इस चुनाव में मतदान दर 83% रही, जो 1990 में जर्मनी के पुनर्मिलन के बाद से सबसे अधिक है। पुरुष मतदाताओं ने दक्षिणपंथी पार्टियों का समर्थन किया, जबकि महिला मतदाताओं ने वामपंथी पार्टियों को अधिक वोट दिए।
How would a CHANCELLOR MERZ support Ukraine – https://youtu.be/7Gbi_KwuItw?si=hUocdlCQRnC19a98
निष्कर्ष
फ्रेडरिक मेर्ज़ का यूरोप को अमेरिका से “वास्तविक स्वतंत्रता” देने का वादा यूरोपीय राजनीति में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है। जर्मनी के चुनाव परिणाम ने देश के राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मेर्ज़ कैसे यूरोपीय एकता को मजबूत करते हैं और जर्मनी की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को सुधारते हैं।